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30 days festival - ritual competition 16 -Nov-2022 (31)दुर्गा पूजा , पच्छिम बंगाल का लोकप्रिय त्यौह




शीर्षक = दुर्गा पूजा , पच्छिम बंगाल का लोकप्रिय त्यौहार




पश्चिम बंगाल भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखण्ड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य में 23 जनपद है। यहाँ की मुख्य भाषा बांग्ला है।

आइये जानते है पच्छिम बंगाल के इतिहास और वहाँ के तीज त्यौहार के बारे में, हर कोई जानता है की यहाँ का लोकप्रिय त्योंहर दुर्गा पूजा है, आज इसी के बारे में हम आपको अपने लेख के माध्यम से बताएँगे

बंगाल पर इस्लामी शासन 13वीं शताब्दी से प्रारम्भ हुआ तथा 13वीं शताब्दी में मुग़ल शासन में व्यापार तथा उद्योग का एक समृद्ध केन्द्र में विकसित हुआ। 15वीं शताब्दी के अन्त तक यहाँ यूरोपीय व्यापारियों का आगमन हो चुका था तथा 18वीं शताब्दी के अन्त तक यह क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के नियन्त्रण में आ गया था। भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का उद्गम यहीं से हुआ। 1947 में भारत स्वतन्त्र हुआ और इसके साथ ही बंगाल, मुस्लिम प्रधान पूर्व बंगाल (जो बाद में बांग्लादेश बना) तथा हिन्दू प्रधान पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) में विभाजित हुआ।

नृत्य तथा चलचित्रों की यहाँ लम्बी तथा सुव्यवस्थित परम्परा रही है।दुर्गापूजा  यहाँ अति उत्साह तथा व्यापक जन भागीदारी के साथ मनाई जाती है। क्रिकेट तथा फुटबॉल यहाँ के लोकप्रियतम खेलों में से हैं। सौरभ गांगुली जैसे खिलाड़ी तथा मोहन बगान एवं ईस्ट बंगाल जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं। अगर आँकड़ों पर जाये तो नक्सलवाद जैसे शब्दों का जन्म यहीं हुआ, पर यहाँ के लोगों की शान्तिप्रियता ही वो चीज है जो सर्वत्र दर्शास्पद (देखने लायक) है  शहरों में लोग प्रायः छोटे परिवारों में रहते हैं। यहाँ के लोग मछली-भात  बहुत पसन्द करते हैं। यह प्रदेश अपनी मिठाईयों के लिये काफी प्रसिद्ध है - रसगुल्ले का आविष्कार भी यहीं हुआ था।


आइये जानते है कोलकाता के दुर्गा पूजा के बारे में


दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता की बात ही अलग होती है। सिर्फ मां दुर्गा का आगमन ही नहीं बल्कि इससे जुड़ी कई दूसरी बातों की वजह से भी कोलकाता की दुर्गा पूजा सबसे अलग और फेमस है। कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान इन अनुभवों को एक्सपीरियंस करना न भूलें...

शक्ति का रूप मानी जाने वाली मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना देश भर में धूमधाम से हो रही है। ऐसे में अगर आप भी दुर्गा पूजा के दौरान कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो सीधे पहुंच जाइए सिटी ऑफ जॉय के नाम से मशहूर कोलकाता। कोलकाता की दुर्गा पूजा देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में फेमस है और इसे देखने के लिए दूर से दूर सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं बल्कि टूरिस्ट भी पहुंचते

दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता की बात ही अलग होती है। सिर्फ मां दुर्गा का आगमन ही नहीं बल्कि इससे जुड़ी कई दूसरी बातों की वजह से भी कोलकाता की दुर्गा पूजा सबसे अलग और फेमस है। लिहाजा आप बंगाली हों या नहीं इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता... कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान इन अनुभवों को एक्सपीरियंस करना न भूलें...

करें अलग-अलग पंडालों की सैर

अब दुर्गा पूजा का मौका है और आप कोलकाता में हैं तो पंडालों में जाकर दुर्गा मां के दर्शन करना तो बनता है। कोलकाता की हर गली-मुहल्ले में आपको एक से बढ़कर एक पूजा पंडाल देखने को मिलेंगे जो अलग-अलग थीम और डिजाइन पर बने होते हैं। साथ ही पंडालों के अंदर स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा भी अलग-अलग तरह से बनी होती है।

दुर्गा पूजा का बेहतरीन खाना
अब पंडालों में घूम-घूम कर थक गए हों और भूख लगी है तो टेस्टी खाने के लिए आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। इन पंडालों के बाहर और अंदर ही आपको कई स्टॉल्स मिल जाएंगे जहां आपको एक से बढ़कर बेहतरीन खाना खाने को मिलेगा। दुर्गा पूजा को आप फेस्टिवल ऑफ फूड भी कह सकते हैं क्योंकि इस दौरान आपको सिर्फ बंगाली क्यूजिन ही नहीं बल्कि कई दूसरे प्रांतों का खाना भी टेस्ट करने का मौका मिलता है।


कन्या पूजन 
दुर्गा पूजा के दौरान अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन या कुमारी पूजा भी होती है जिसमें 1 साल से 8 साल के बीच की बच्चियों की पूजा की जाती है। दरअसल, इन बच्चियों को देवी का रूप मानकर इन्हें मां दुर्गा की प्रतिमा के आगे बिठाया जाता है और इनकी पूजा की जाती है। कोलकाता की बात करें तो यहां अष्टमी के दिन कुमारी पूजा का आयोजन होता है और यहां के बेलूर मठ में सबसे अच्छी कुमारी पूजा देखने को मिलती है।

ड्रेसअप होकर बनें कार्निवाल का हिस्सा
दुर्गा पूजा के दौरान सिर्फ कोलकाता में ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल में डांस कॉम्पटिशन, फैन्सी ड्रेस कॉम्पटिशन, सिंगिंग कॉम्पटिशन, ड्रम बजाने का कॉम्पटिशन, बेस्ट ड्रेस्ड मेल-फीमेल जैसी कई प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं। ऐसे में आपके पास दुर्गा पूजा के दौरान बेहतरीन तरीके से ड्रेस अप होकर न सिर्फ घूमने का बल्कि प्राइज जीतने का भी मौका होता है।

सिंदूर खेला 
दुर्गा पूजा के आखिरी दिन शादीशुदा महिलाएं दिल खोलकर सिंदूर खेलती हैं और इस परंपरा को सिंदूर खेला कहा जाता है। मां दुर्गा के विदा होने से पहले ये महिलाएं एक दूसरे को खुशी और गुडलक विश करने के मकसद से सिंदूर लगाती हैं और होली के त्योहार की तरह सिंदूर से भी खेल किया जाता है। आप चाहें तो इस ट्रडिशन का हिस्सा बन सकते हैं या फिर बेहतरीन तस्वीरें भी खींच सकते हैं।

    

अगले राज्य के त्यौहार के बारे में जानने के लिए जुड़े रहे मेरे साथ 

30 days फेस्टिवल / रिचुअल कम्पटीशन हेतु 

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1 Comments

Gunjan Kamal

17-Nov-2022 04:09 PM

शानदार

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